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सपा के अंदरुनी कलह के लिए अमर सिंह (Amar Singh) को पूर्व सीमए अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) जिम्मेदार मानते थे। पिता-पुत्र के बीच आईं दूरियों की वजह चाहे जो रही हो, लेकिन अमर सिंह का नाम इस विवाद में खूब उछला था। कभी परिवार के सदस्य की तरह रहे अमर सिंह अचानक से सपा और मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के परिवार के लिए विलेन बन गए थे। एक समय ऐसा भी आया था जब अखिलेश यादव ने अमर सिंह पर बहुत ही संगीन आरोप लगाए थे। हालांकि, अमर सिंह की मौत के बाद मुलायम सिंह और अखिलेश दोनों ने ही दुख व्यक्त किया था, लेकिन एक समय अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव की आदत बिगाड़ने का इलजाम तक अमर सिंह पर लगा दिया था।
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एक समय सपा के राजनैतिक उठापठक का असर बाहर तक आ गया था। 2017 का विधानसभा चुनाव अखिलेश ने चुनावी नारा दिया था 'काम बोलता है'। लेकिन ये नारा पूरे किये गए कामों से अधिक परियोजनाओं के शिलान्यास पर अधिक आधारित था। ( <a href=" https://www.jansatta.com/photos/lifestyle-gallery/mulayam-singh-yadav-had-shown-akhilesh-yadav-supporters-low-in-sp-meeting/1713058/"> ये लड़के जो अखिलेश भैया कर रहे हैं एक लाठी तक नहीं झेल पाएंगे- जब भड़क गए थे मुलायम सिंह यादव </a> )
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उनका कार्यकाल समाप्त होते होते उनकी अपनी पार्टी की पुरानी पीढ़ी के लोगों से ठन गई थीं। उन्होंने अपने-आप को उनसे दूर करने की कवायत शुरू भी की थी। अखिलेश ने सबसे पहले अपने चाचा शिवपाल यादव के करीबी रहे दो राज्य मंत्रियों को भ्रष्टाचार के आरोप में अपने मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया था।
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दिसंबर में मुलायम सिंह यादव ने विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवारों की सूची जारी की जिसमें अखिलेश मंत्रिमंडल के कई चेहरों को जगह नहीं मिली थी।अखिलेश ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए अपनी सूची जारी की जिसमें इन लोगों को शामिल कर दिया था।
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तनातनी इतनी बढ़ी थी कि मुलायम ने अपने बेटे को पार्टी की सदस्यता से छह महीने के लिए निलंबित कर दिया और इन सब के पीछे जिम्मेदार अखिलेश अमर सिंह को मानते थे। इस अंदरूनी टूट का नतीजा ये रहा कि कांग्रेस से गठबंधन के बावजूद उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अखिलेश की हार हुई और भारतीय जनता पार्टी की एक बार फिर सत्ता में वापसी हुई थी।
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हार के बाद अखिलेश ने आत्म-ग्लानि में समय न बरबाद करते हुए पहले पार्टी पर अपना नियंत्रण मज़बूत किया और अखिलेश ने पिता और अमर सिंह को ताक पर रखते हुए अपने पिता की धुर- विरोधी मायावती से मिल गए थे।
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दिलचस्प बात ये है कि मुलायम सिंह ने नहीं , बल्कि अमर सिंह ने अखिलेश यादव की शिक्षा से लेकर शादी तक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।( <a href=" https://www.jansatta.com/photos/lifestyle-gallery/when-akhilesh-yadav-asked-for-8-months-time-from-mulayam-singh-yadav/1710297/ "> अखिलेश यादव ने जब मुलायम सिंह यादव से मांगी थी 8 महीने की मोहलत, पिता ने दिखाई थी तल्खी </a> )
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बता दें कि , कारवाँ पत्रिका में अखिलेश की जीवनी 'एवरी बडीज़ ब्रदर' लिखने वाली नेहा दीक्षित लिखा है कि अमर सिंह से मुलायम की दोस्ती के खिलाफ़ झंडा उठाने वालों में अखिलेश ने एक बार एक पत्रकार से बातचीत में कहा था कि, अमर सिंह ने खटिया पर सोने वाले मेरे बाप को फ़ाइव स्टार की आदत लगा दी।
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पिता-पुत्र के संबंध के बेदी पर अमर सिंह हांसिए पर थे और अंत में अमर सिंह पार्टी से अलग हो गए, लेकिन पिता-पुत्र के संबध में मिठास नहीं आ पाई।(all Photos: PTI And Indian Express)
